Itihas kya hai : इतिहास को समझने के पूर्व हमें यह समझना आवश्यक है कि इतिहास क्या है? |
What is history|इतिहास क्या है ?
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Contents
- 1 इतिहास क्या है? – (What is History in hindi)
- 1.1 History of india in hindi- prachin itihas kya hai
- 1.2 इतिहास का शाब्दिक अर्थ – Meaning of history
- 1.3 2.इतिहास का सामान्य अर्थ- itihas ki avdharna
- 1.4 3.इतिहास की कुछ परिभाषाएं (Definitions of history in hindi)-
- 1.5 4.इतिहास : एक अनुभव – (history:an experience)
- 1.6 5.इतिहास:एक विषय- (History subject in hindi)
- 1.7 6.इतिहास का स्वरूप-
- 1.8 7.इतिहास की प्रकृति–
- 1.9 8.इतिहास का विषय क्षेत्र-
- 1.10 9.निष्कर्ष(Conclusion)-
इतिहास क्या है? – (What is History in hindi)
पुराने समय से अब तक आने वाली मानव जाति से सम्बद्ध घटनाओं का वर्णन करना ही इतिहास है।
इन घटनाओं व ऐतिहासिक साक्ष्यों को तथ्यों के आधार पर प्रमाणित किया जाता है।”
दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि “इतिहास अब से पूर्व की घटनाओं का वर्णन है।”
मध्यकालीन भारत से संबंधित पोस्ट्स : History
● अलबरूनी कौन था? संक्षिप्त जानकारी
● अरब आक्रमण से पूर्व भारत की स्थिति
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इतिहास का जनक हेरोडोटस (Herodotus)को माना जाता है जो की सिकंदर के पूर्व का एक यूनानी विद्वान व इतिहासकार था।
गहनता से देखें तो इतिहास 2 रूपों में प्रयोग किया जाता है
पहला पूर्व की घटित घटनाएं तथा दूसरा उन घटनाओं से सम्बद्ध विचार धारणाएं।
आज इतिहास भी अन्य विषयों की भांति सामाजिक विषय का एक अंग बन गया है।
सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत कई विषय समाहित हैं जो हमें हमारे अथवा किसी भी समाज का ज्ञान प्रदान करने में समर्थ होते हैं।
प्रायः समाज का ज्ञान कराने से तात्पर्य यह है कि उस समाज का रहन-सहन,भौगोलिक जानकारी, संस्कृति, वातावरण, शासन व्यवस्था, कला व स्थापत्य समेत उस समाज के मनुष्यों के बारे में आदि जानकारियां देते हैं।
इतिहास उन सभी विषयों में एक श्रेष्ठ विषय के रूप में स्थान धारण कर चुका है।
History of india in hindi- prachin itihas kya hai
इतिहास का शाब्दिक अर्थ – Meaning of history
आचार्य दुर्ग ने इस विषय में लिखा है-“इति हैवमासीदति यत् कथ्यते तत् इतिहासः” (निरुक्त भाष्य वृत्ति रचना) अर्थात् यह निश्चत रूप से इस प्रकार ही हुआ था-यह जो कहा जाता है, वह इतिहास है। इसी प्रकार से छान्दोग्य उपनिषद में ‘इतिहासः पञ्चमोवेदः’अर्थात् इतिहास को पाँचवा वेद माना गया है।
अंग्रेजी में इतिहास को (History) कहते हैं जोकि यूनानी संज्ञा लोरोप्ला (Loropla) से ग्रहण किया गया है। जिसका अर्थ होता है सीखना। कुछ अन्य विद्वानों के अनुसार इतिहास के लिये जर्मन शब्द ‘GESCHICHTE” है और इसका अर्थ है ‘घटित होना’।
व्रात्यकाण्ड में व्यवहार में आया है। हिस्ट्री के लिए इरानी प्रत्यय सूचक शब्द‘तवारीख’ का भी प्रयोग किया जाता है, लेकिन यह शब्द तारीख का बहुवचन मात्र
है। इतिहास केवल तारीखो और तिथियों का संग्रह ही नहीं इन सबसे बहुत अधिक
है।
भविष्य से भी इसका सम्बन्ध है। अतीत (भूतकाल) की घटनाओ से हम वर्तमान में
प्रेरणा लेकर भविष्य के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं।
2.इतिहास का सामान्य अर्थ- itihas ki avdharna
3.इतिहास की कुछ परिभाषाएं (Definitions of history in hindi)-
1. इतिहास ज्ञान की ऐसी शाखा है जिसके अंतर्गत हम मानव जाति से संबंधित पिछली घटनाओं का अध्ययन करते हैं उसे इतिहास कहते हैं.”
2. किसी विशेष व्यक्तियों ,, राष्ट्र , समय , मनुष्यों इत्यादि से संबंधित पिछले घटनाओं की निरंतर, व्यवस्थित एवं सार्थक कथा को इतिहास कहते हैं.”
3. इतिहास सामाजिक विज्ञान (social science) की वह शाखा है जिसके तहत अतीत काल की घटनाओं या उससे संबंंध रखने वाले व्यक्तियों का कालानुक्रमानुसार अध्ययन किया जाता है।
4. कहीं घटित घटनाओं या उससे संबंधित समस्त घटनायें , समाज एवं सार्वजनिक क्षेत्रों संबंधित हो और उन तथ्यों को क्रम से विवेचना किया जाता है उसे इतिहास कहते हैं।
5. इस प्रकार इतिहास बदलाव का एक लेखा मात्र है।”
6. किसी व्यक्ति, समाज अथवा देश से सम्बंधित महत्वपूर्ण, विशिष्ट व सार्वजनिक क्षेत्र की घटनाओं, तथ्यों आदि का कालक्रम विवरण (Chronological Description) इतिहास कहलाता है। इतिहास किसी समाज विशेष की सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक एवं आर्थिक स्थिति तथा इन स्थितियों में समय के साथ-साथ होने वाले परिवर्तनों को भी प्रस्तुत करता है।
उपरोक्त वर्णन से यह स्पष्ट हो चुका है कि इतिहास मानव की पिछली जानकारियों का क्रमबद्ध अध्ययन है।
4.इतिहास : एक अनुभव – (history:an experience)
इतिहास के अनुभव हमें सकारात्मक तथा नकारात्मक पक्षों का ज्ञान कराता है जिससे हमें अपने व्यवहारिक जीवन में लाभ मिलता है।
5.इतिहास:एक विषय- (History subject in hindi)
6.इतिहास का स्वरूप-
more)।
7.इतिहास की प्रकृति–
8.इतिहास का विषय क्षेत्र-
इतिहास का भूगोल से संबंध-
इतिहास का नागरिक शास्त्र तथा राजनीति शास्र से संबंध-
इतिहास तथा सामाजिक ज्ञान का सहसंबंध-
इतिहास तथा समाज शास्त्र का संबंध-
इतिहास तथा अर्थशास्त्र का संबंध-
इतिहास तथा पुरातत्व का सहसंबंध-
ऐतिहासिक जीवन चरित्र
9.निष्कर्ष(Conclusion)-
आकाश प्रजापति
(कृष्णा)
ग्राम व पोस्ट किलाहनापुर, कुण्डा प्रतापगढ़
छात्र: प्राचीन इतिहास कला संस्कृति व पुरातत्व विभाग, कलास्नातक द्वितीय वर्ष, इलाहाबाद विश्वविद्यालय
Very nice sir, therefore you carry-on to write .
इतिहास के समंध में आप बहुत अच्छा आर्टिकल है तथा ऐसे कई बिंदुओं पर चर्चा करने की आवस्यकता है।
बहुत बहुत धन्यवाद
बस आप लगातार हमसे जुड़े रहें।
THANKS A LOT Sir
Best work for history students
बहुत बहुत धन्यवाद भाई🙏
ऐसी प्रतिक्रियाओं से हमें उत्साह और प्रेरणा मिलती है।