स्वस्थ रहने के लिए करें 3 योगाभ्यास | Surya namaskar | Kapal bhanti | Anulom vilom pranayam | Best 3 yoga

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 केवल इन तीन आसान को करके आप स्वस्थ रह सकते हैं : Surya namaskar

आज के समय में व्यक्ति के पास क्या है कितना है ये मायने नहीं रखता अगर उसके पास अच्छा स्वास्थ्य नहीं है तो।

अर्थात आज के आधुनिकता से पूर्ण समय में स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है सबसे बड़ी सम्पत्ति है। क्योंकि आज के समय में मनुष्य का खान पान इतना दूषित हो गया है कि दिन के दिन व्यक्ति बीमारियों की चपेट में आते जा रहे हैं। इसका उदाहरण आप कहीं भी कभी भी देख सकते हैं।

Surya namaskar
Surya namaskar

स्वस्थ रहने के लिए क्या करें ? what to do to stay healthy ?

आज के भाग दौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति के पास समयाभाव रहता ही है। ऐसे में मष्तिष्क में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि ऐसा कौन सा छोटा से छोटा उपाय करें जिससे हमारा समय भी व्यर्थ न हो और हम स्वस्थ भी रहें।

स्वस्थ्य रहने के लिए करें योगाभ्यास :

अगर आप भी अधिक से अधिक समय तक स्वस्थ रहना चाहते हैं तो नियमित योगाभ्यास आपको करना पड़ेगा। योग एक ऐसा उपाय है जिससे आप अपने तन व मन दोनों को हर समय एकदम तरोताजा रख सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको योग व व्यायाम को अपने दैनिक जीवन शैली में उतारना पड़ेगा। एकबार यदि योग आपकी आदत बन जाय तो आपका लक्ष्य आपसे अधिक दिनों तक दूर नहीं रह सकता है।

करें ये 3 आसन और प्राणायाम :

अगर आपके पास सुबह सुबह समय अधिक नहीं रहता और आप योग करके स्वस्थ रहना चाहते हैं तो सिर्फ ये तीन आसान व प्राणायाम करके आप स्वस्थ रह सकते हैं। किंतु हम बता चुके हैं कि नियमितता बहुत जरूरी है।

सूर्य नमस्कार :

अगर आप सूर्य नमस्कार (Surya namaskar) प्रतिदिन करते हैं तो आपको स्वस्थ रहने से कोई नहीं रोक सकता। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर आप कम से कम योगासन करके स्वस्थ रहने की अभिलाषा रखते हैं तो आपको सूर्य नमस्कार अवश्य करना चाहिए।

सूर्य नमस्कार कैसे करें ?

अब प्रश्न यह उठता है कि सूर्य नमस्कार कैसे करें ? तो बता दें कि सूर्य नमस्कार करने के लिए 12 आसान करने पड़ते हैं। अर्थात सूर्य नमस्कार के 12 स्टेप्स (Steps) होते हैं।

सूर्य नमस्कार करने के लिए सबसे पहले आप एक सरल मुद्रा में खड़े हो जाएं। फिर निम्नलिखित स्टेप्स को करें–

Surya namaskar

 

1 • सबसे पहले अपने हाथों को ऊपर फोटो चित्र की भांति जोड़ लें।

2 • उसके बाद अपने हाथों को सांस भरते हुए ऊपर की ओर उठाएं और पीछे की ओर झुकें।

3 • आप आप साफ निकालते हुए नीचे की ओर झुके और अपनी हथेलियों को अपने पैर के पास जमीन में रखें।

4 • फिर आप अपने किसी को एक पैर को पीछे ले जाएं और सांस भरकर ऊपर की ओर अपने शरीर को खींचे

(भुजंगासन करें) जैसा ऊपर चित्र में दिखाया गया है।

5 • फिर आप अपने अगले पर को भी पीछे से बराबर स्थिति में ले जाएं और पीछे की ओर अपने शरीर को ले जाएं उपर्युक्त चित्र की भांति।

6 • अब आपको एक बार दंड लगाकर दण्डासन करना है। अर्थात श्वांस भरते हुए शरीर को पृथ्वी के समानांतर, सीधा साष्टांग दंडवत करें और पहले घुटने, छाती और माथा पृथ्वी पर लगा दें।

7 • इसके बाद आप सांस भरते हुए भुजंगासन की मुद्रा प्राप्त करें।

8 • फिर आप शरीर को पीछे की ओर ले जाते हुए कमर को ऊपर उठाएं।

9 • उसके बाद आप पहले की भांति एक पैर आगे लाकर सांस भरते हुए अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाएं और खींचे।

10 • फिर आप के सर पर भी आगे की ओर ले जाकर खड़े होकर झुके रहें।

11 • अब आप दोनों हाथों को हाथ जोड़कर ऊपर की ओर ले जाएं और पीछे की ओर झुके।

12 • फिर आप हाथ जोड़कर सबसे पहले वाली मुद्रा प्राप्त करें।

सूर्य नमस्कार में कितने आसान होते हैं ? | सूर्य नमस्कार के 12 आसनों के नाम :

ऊपर हमने बताया कि सूर्य नमस्कार में 12 आसन होते हैं। इन 12 आसन के नाम निम्न है-

• प्रणाम मुद्रा

• हस्त उत्तानासन

• पाद हस्तासन या पश्चिमोत्तनासन

• अश्व संचालन आसन

• पर्वतासन

• अष्टांग नमस्कार

• भुजंगासन

• पर्वतासन

• अश्व संचालन आसन

• पाद हस्तासन या पश्चिमोत्तनासन

• हस्त उत्तानासन

• प्रणाम मुद्रा

★ सूर्य नमस्कार को आपको कम से कम 15 से 20 बार करना चाहिए। बीतते समय के साथ आप मेरे धीरे संख्या बढ़ा सकते हैं और समय कम कर सकते हैं।

सूर्य नमस्कार के बाद क्या करें ?

लगातार 15 से 20 मिनट पर सूर्य नमस्कार करने से आप अच्छा महसूस करेंगे। साथ में आपके शरीर में पसीने आ जाएंगे अर्थात आप थोड़ा थका हुआ महसूस करेंगे।

इसके बाद आप एक स्थान पर बैठ जाएं और थोड़ी देर सामान्य मुद्रा में बैठे रहें।

सामान्य मुद्रा में बैठे रहने से जब आपकी श्वास सामान्य गति से चलने लगे तब आप प्राणायाम करें।

कपालभांति प्राणायाम :

सूर्य नमस्कार के पास थोड़ा आराम करने के बाद जब आप सही तो महसूस करने लगे तो आप कपाल भांति प्राणायाम करें। कपालभाति प्राणायाम बहुत सरल और अच्छा प्राणायाम है जिसे करके आप निश्चित रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।

कैसे करें कपालभाति प्राणायाम ?

कपालभाति प्राणायाम करना बहुत ही आसान है जिसे हर उम्र के व्यक्ति (स्त्री और पुरुष) आसानी से कर सकते हैं।

कपालभाति प्राणायाम करने के लिए आप की रीढ़ की हड्डी सीधी होना बहुत आवश्यक है।

कपालभाति प्राणायाम करने के लिए आप रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं। इसे आप किसी भी मुद्रा में बैठकर कर सकते हैं , कुर्सी पर बैठकर भी कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि आप की रीड की हड्डी सीधी होनी चाहिए।

कपालभाति प्राणायाम करने के पहले कुछ गहरी सांस लें और बाहर निकालने तथा पेट को सामान्यता आगे पीछे (अंदर बाहर) करें। ऐसा करने से आपके नाक के चित्र खुले रहेंगे अथवा खुल जाएंगे।

• कपालभाति प्राणायाम करने के लिए आप अपनी सांस को झटके (तेजी) से बाहर करें और अपने पेट को अंदर करें (पचकाएँ)।

• आपको इस प्राणायाम मेरे सांस लेने की तरफ ध्यान नहीं देना है बल्कि सांस निकालने की ओर ध्यान देना है।

• जब आप झटके से सांस बाहर निकालेंगे तथा पेट को पचकाएंगे तथा उसके बाद जब आप पेट को वापस पूर्ववत मुद्रा में लाएंगे तो विश्वास थोड़ी सी सांस स्वतः ही अंदर चली जाएगी।

• इसके बाद आप पुनः अपनी सांस को झटके (तेजी) से बाहर करें और अपने पेट को अंदर करें (पचकाएँ)।

★ ध्यान रहे कि आपको नाम लेना नहीं है बल्कि हर बार निकालना है।

यही उपरोक्त प्रक्रिया आपको लगातार करनी है। यही क्रिया कपाल भांति प्राणायाम कहलाती है।

★ कपाल भांति प्राणायाम को आप प्रतिदिन 10-15 मिनट अवश्य करें। इतना करने से आप कई बीमारियों से दूर व हमेशा स्वस्थ रहेंगे।

अनुलोम विलोम प्राणायाम :

अनुलोम विलोम प्राणायाम एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्राणायाम है। इसे हर व्यक्ति को प्रतिदिन अवश्य करना चाहिए। कपालभाति प्राणायाम के साथ अगर आप अनुलोम विलोम प्राणायाम करेंगे तो आपको कुछ ही दिनों में इसके लाभ दिखने लगेंगे। और आप स्वयं को स्फूर्तिवान महसूस करेंगे।

अनुलोम विलोम प्राणायाम कैसे करें ?

अनुलोम विलोम प्राणायाम भी एक बहुत सरल प्राणायाम है जिसे हर उम्र के व्यक्ति आसानी से सीख सकते हैं और कर सकते हैं।

अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के लिए आपकी नाक से दोनों स्वरों का चलना आवश्यक है।

अनुलोम विलोम प्राणायाम के Steps :

• अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के लिए आप अपनी सुविधानुसार पद्मासन, सिद्धासन, स्वस्तिकासन अथवा सुखासन में रीढ़ सीधी करके बैठ जाएं। आप कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।

• सबसे पहले आप दायीं नाक को अंगूठे से बंद करके बायीं नाक से लंबी सांस लें।

• इसके बाद आप बीच की दोनों अंगुलियों से बायीं नाक को बंद कर लें और दाहिनी नाक को खोलकर ली हुई सांस छोड़ दें।

• फिर आप बीच की दोनों अंगुलियों से बायीं नाक को बंद रखते हुए दाहिनी नाक से गहरी लंबी सांस लें।

• इसके बाद आप पुनः अंगूठे से दाहिनी नाक को बंद कर लें और बायीं नाक को खोलकर बायीं नाक से पूरी सांस निकाल दें।

• फिर आप अंगूठे से दाहिनी नाक को बंद किये हुए बायीं नाक से लंबी सांस लें।

यही क्रिया लगातार बार-बार करें। यही अनुलोम विलोम प्राणायाम है। इसे प्रत्येक व्यक्ति को 15-20 मिनट तक करना चाहिए

➨ आप इन तीन योगासन और प्राणायाम को करके निश्चित रूप से स्वस्थ रह सकते हैं, किंतु एक बार फिर बता दें कि आपको इसे नियमित प्रतिदिन करना होगा।

निष्कर्ष :

इस प्रकार हमने आज इस लेख के माध्यम से जाना की कैसे थोड़े से योगाभ्यास व प्राणायाम करके हम अपने आपको स्वस्थ रख सकते हैं और अपनी जिंदगी खुशहाल तरीके से व्यतीत कर सकते हैं।

धन्यवाद🙏 
आकाश प्रजापति
(कृष्णा) 
ग्राम व पोस्ट किलहनापुर, कुण्डा प्रतापगढ़
छात्र: कलास्नातक तृतीय वर्ष, इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय

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