How to prepare history for UPSC : इतिहास एक विषय के रूप में लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में बहुत अधिक महत्व रखता है। यह सामान्य अध्ययन के अनेक विषयों में से एक महत्वपूर्ण विषय है। अगर बात करें UPSC EXAM की तो इस विषय से संबंधित प्रश्न यूपीएससी परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा (UPSC Prelims exam) और मुख्य परीक्षा (UPSC Mains exam) दोनों चरणों में इतिहास विषय का काफी अहम योगदान रहता है। इसके अलावा इतिहास विषय UPSC और State PCS की परीक्षाओं में वैकल्पिक विषय की सूची में भी शामिल है।
इस प्रकार इतिहास का बिना अच्छी तरह अध्ययन किये सिविल सर्विसेज की परीक्षा को उत्तीर्ण कर पाना दिन में तारे ढूंढने जैसा है।
इतिहास : कठिन या आसान | How to prepare history for UPSC
इतिहास विषय से संबंधित इस पोस्ट में हम इसकी तैयारी के लगभग सभी पक्षों पर बात करेंगे । हममें से कुछ यूपीएससी अभ्यर्थियों (UPSC Aspirants) को इतिहास विषय में अच्छी रुचि होती है। ऐसे विद्यार्थी इस विषय में अपने आपको अधिक सहज महसूस करते हैं और इसके साथ अच्छा खासा समय बिताते हैं। ऐसे अभ्यर्थियों के लिए इतिहास विषय (History subject) काफी आसान हो जाता है।
किन्तु अभ्यर्थियों का एक वर्ग ऐसा भी है जिसे इतिहास किसी बोझ से कम नहीं लगता। ऐसे प्रतियोगियों के लिए इतिहास को समझना और उसकी एक अच्छी तैयारी करना बहुत ही कठिन हो जाता है क्योंकि इतिहास के प्रति उनकी रुचि जागृत नहीं होती है। इस वर्ग के उम्मीदवार इतिहास की तैयारी कैसे करें ? के बारे में लगातार सोचते रहते हैं। अगर आप भी इसी प्रकृति के छात्र हैं तो आपको यह लेख पूरा अंत तक पढ़ना चाहिए क्योंकि इसके अंतर्गत हम How to prepare history for UPSC के विषय में गंभीरता से चर्चा करके एक निष्कर्ष तक पहुंचने का प्रयास करेंगे।
Importance of History : इतिहास का महत्व
इतिहास विषय की महत्ता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। History के प्रश्न आपको लगभग सभी Job Vacancy exams में एक अच्छी मात्रा में अवश्य मिलते हैं। UPSC की परीक्षा में तो UPSC prelims और UPSC Mains के General studies -1 पेपर में इतिहास के प्रश्न देखने को मिलते हैं।
अगर बार करें UPSC Prelims Exam के General studies पेपर की तो उसमें औसतन 15% प्रश्न इतिहास विषय (भारतीय कला व संस्कृति सहित) के प्रत्येक वर्ष पूछे जाते हैं। इसका क्षेत्र 12% से 19% भी कभी कभी हो जाता है।
वहीं UPSC Mains Exam में भी 250 में से लगभग 120-130 नम्बर के प्रश्न इतिहास विषय के General studies -1 में पूछे जाते हैं। इस पेपर में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन , स्वतंत्रता के बाद की घटनाएं , विश्व इतिहास और भारतीय कला व संस्कृति से संबंधित Topics से Questions पूछे जाते हैं।
इस प्रकार हम देखते हैं कि इतिहास विषय अन्य विषयों की अपेक्षा थोड़ा अधिक लाभकारी सिद्ध होता है। इसके अलावा अगर कोई अभ्यर्थी इतिहास को वैकल्पिक विषय के रूप में चुनता है तो वह अन्य अभ्यर्थियों की अपेक्षा निश्चित ही प्रीलिम्स और मेन्स में इतिहास के प्रश्नों को अच्छे से हल कर सकता है।
इस प्रकार जहां UPSC Prelims में एक-एक आधे-आधे नंबर पर काफी कुछ निर्भर करता है वहां इतिहास के इतने प्रश्न आने से इतिहास की महत्ता (Importance of history) सिद्ध होती है।
UPSC History Syllabus : सिलेबस को समझें
किसी भी विषय की तैयारी शुरू करने के पूर्व उसके Syllabus को भली भांति समझना आवश्यक होता है। अतः यह बात यहां भी लागू होती है। इतिहास की तैयारी शुरू करने के पूर्व हमें चाहिए कि History से संबंधित पूरे UPSC Syllabus को अच्छी तरह से आत्मसात कर लें। अगर आप UPSC Exam all Basic information नहीं जानते है तो निम्न पोस्ट को अवश्य पढ़ लें-
● UPSC Exam all Basic information in hindi
आप अगर UPSC prelims Syllabus को देखें तो आप पाएंगे कि prelims exam के सामान्य अध्ययन पेपर में इतिहास ( History) , भूगोल (Geography) , भारतीय संविधान व राजव्यवस्था (Indian polity) , अर्थशास्त्र (Economics) , विज्ञान व प्रौद्योगिकी (Science & Tech) , ecology और Current affairs आदि विषयों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इस प्रकार यदि आप Syllabus को अच्छी तरह से समझे रहेंगे तो आपको इन विषयों के प्रश्नों का Weightage पता चलेगा जिससे आप इतिहास जैसे महत्त्वपूर्ण section पर पर्याप्त समय दे पाएंगे।
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See Previous year papers Thoroughly :
UPSC Syllabus को अच्छी तरह समझने के बाद आपको सबसे पहले कुछ करना है तो वो है Previous year paper को देखना है। History (इतिहास) विषय से संबंधित UPSC Prelims और UPSC Mains के Previous year paper के सभी प्रश्नों को बार बार देखें। इतिहास से ही घनिष्टया सम्बद्ध होकर भारतीय कला व संस्कृति का भी Section आ जाता है तो उसे भी आप तैयारी के दौरान भी इतिहास का अंग ही समझें।
UPSC Previous year paper देखने से आप UPSC द्वारा इतिहास के पूछे गए प्रश्नों की प्रकृति और संरचना तो समझेंगे ही साथ ही यह समझेंगे कि किस Topic को कितनी गहराई से पढ़ना है। इस प्रकार UPSC History Syllabus और UPSC Previous year papers देखना प्रत्येक UPSC Aspirant के लिए अत्यावश्यक हो जाता है।
How to start preparation of History for UPSC :
इन सभी उपरोक्त steps को follow करने के बाद अगर हम तैयारी की शुरुआत करेंगे तो हमारी तैयारी में तारतम्यता बनी रहेगी जोकि UPSC Preparation का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष है। अगर हम बात करें How to prepare history की तो आईये इसे निम्नवत समझने का प्रयास करते हैं–
1. मजबूत आधार तैयार करें :
किसी भी इमारत को अधिक मजबूत बनाने के लिए उसकी आधार का मजबूत होना परमावश्यक है। इसी प्रकार इतिहास विषय को एक अच्छे स्तर तक तैयार करने के लिए इतिहास की मूलभूत समझ स्थापित करनी पड़ेगी।
किसी भी विषय के मजबूत Foundational knowledge के लिए NCERT से बेहतर विकल्प कुछ नहीं है। अतः इतिहास विषय की अवधारणा और समझ स्थापित करने के लिए Class 6 to 12 NCERT को अच्छी तरह से आत्मसात कर लेना चाहिए। 6 से 12 तक की Ncert की पुस्तकों को 8 से 10 बार पढ़ने से इतिहास की एक मूलभूत समझ develop हो जाती है।
इसके अलावा अपने इस आधार को बेहतर करने के लिए NIOS और IGNOU की किताबों के साथ जा सकते हैं। इसके अलावा तमिलनाडु बोर्ड की Class 11 & 12 की किताबें भी इतिहास की standard book मानी जाती है।
2. कम को ही अधिक बार पढ़ें :
UPSC Preparation के दौरान सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या पढ़ना है क्या नहीं पढ़ना है ? इस बात को तो आप UPSC Syllabus को और UPSC Previous year Paper को देखकर आप समझ जाएंगे।
इतिहास विषय में अन्य विषयों की अपेक्षा अध्ययन स्रोत बहुत ज्यादा उपलब्ध है। ऐसे में अधिकांश प्रतियोगी छात्र उनमें फंस कर काफी समय बर्बाद कर देता है और अच्छा परिणाम नहीं हासिल कर पाता है। अतः अभ्यर्थियों को चहिए की उन कम से कम Books को ही अपना साधन बनाएं जिनसे इतिहास के सभी Concept आसानी से Clear हो रहे हों।
नीचे UPSC History booklist की सारगर्भित सूची दी गयी है जिसे UPSC के सभी अभ्यर्थियों को अवश्य पढ़ना चाहिए।
इस बात को अगर संक्षेप में कहें तो इसका अर्थ है – “Minimum sources maximum learning”. चूंकि इतिहास एक विस्तृत विषय है अतः एक serious अभ्यर्थी को चाहिए कि एक संक्षिप्त UPSC history Booklist को decide करके उसी के साथ बने रहें और उसका अनेकानेक बार रिवीजन करें।
3. रटने की बजाय समझ स्थापित करें – Develop Understanding of History
इतिहास एक Vast syllabus वाला विषय है यह लगभग सभी जानते हैं, किंतु इतना भी नहीं है जितना लोग इसे मानते हैं। इसकी विशाल होने की प्रकृति इसकी तैयारी में थोड़ा कठिनाई की अनुभूति कराती है।
इस विषय को पूरी तरह से याद नहीं किया जा सकता। (यहां याद करने से तात्पर्य रटने की क्रिया से है।) अतः इसकी तैयारी की लिए इसकी एक अच्छी समझ मस्तिष्क में बन जानी चाहिए। UPSC Toppers और अनुभवी UPSC Teachers की माने तो NCERT का अध्ययन इस कार्य को भलीभांति कर देता है। और इसके बाद नीचे बताई गई History Booklist for upsc को भी अधिक से अधिक बार पढ़ने से परिणाम सुनहरे हो सकते हैं।
सामान्यतः ऐसा माना जाता है कि कम से कम 20 से 30 बार किसी किताब को पढ़ने से उसकी एक स्थायी छवि मस्तिष्क में बन जाती है जो परीक्षा में उत्तीर्ण होने की संभावना को कई गुना बढ़ा देती है।
4. Prelims और Mains की सम्मिलित तैयारी करें :
UPSC Exam all Basic information की इस पोस्ट को पढ़कर आप समझ सकते हैं कि- UPSC Prelims की परीक्षा Objective type Questions के प्रश्नों वाली परीक्षा होती है। दूसरे शब्दों में UPSC IAS prelims exam में प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रकार के होते हैं जिसमें 4 विकल्प दिए होते हैं। वहीं अगर बात करें UPSC IAS Mains exam की तो UPSC IAS mains एक लिखित प्रकार की परीक्षा है। इसके सभी प्रश्नपत्रों में कुछ प्रश्न दिए रहते हैं उनके उत्तर अपने शब्दों में निश्चित Words के अंदर लिखने होते हैं।
इस प्रकार समग्रतः कहें तो UPSC IAS Prelims तथ्यात्मक (Data based) होता है तथा UPSC IAS Mains अवधारणात्मक (Conceptual) होता है। ऐसे में अधिकांश अभ्यर्थी UPSC IAS Prelims और mains की तैयारी अलग अलग Separated तरीके से करते हैं जबकि अगर अभ्यर्थी Prelims और mains को साथ साथ Integrated तरीके से तैयारी करें तो यह अपेक्षाकृत अधिक प्रभावी सिद्ध होगा।
इससे आप इतिहास के तथ्यों को रटने की बजाय उसे अवधारणा से जोड़कर अच्छी तरह Memorise कर सकते हैं।
5. परिवर्तनों को समझें :
इतिहास विषय एक बहुत ही intresting subject है। किन्तु इसमें थोड़ा उलझाउपन भी देखने को मिलता है। साथ ही इतिहास को हम गहनता से समझने का प्रयास करें तो हम पाते हैं कि इतिहास प्रारंभिक काल से हुए परिवर्तनों का लेखा मात्र है। अतः हमें इतिहास को अच्छी तरह तुलनात्मक रूप से समझने के लिए विभिन्न कालखंडों में किसी क्षेत्र विशेष में हुए परिवर्तनों को समझना चाहिए।
उदाहरण स्वरूप देखें अगर तो हम पाएंगे कि मौर्य युग में पालि और प्रकृत भाषा का वर्चस्व रहा तो वहीं गुप्त काल तक आते आते भाषाई क्षेत्रों में परिवर्तन होकर संस्कृत भाषा प्रधान भाषा के रूप में सामने आई। तो प्रधान भाषा का पालि और प्रकृत भाषा से संस्कृत में परिवर्तन होना एक मूल परिवर्तन है किंतु इसके पीछे के कई महत्वपूर्ण कारण भी इसके साथ लगे हुए हैं।
इस प्रकार इतिहास को परिवर्तनों के आधार पर समझने से अधिक से अधिक बातें एक दूसरे से Inter-connect होकर मस्तिष्क में बनी रहती हैं।
6. UPSC IAS Syllabus के अनुसार Topics को पढ़ें :
UPSC Syllabus में दिए हुए इतिहास के topics के अनुसार अपनी पढ़ाई को जारी रखें। इतिहास विषय मे आपको पढ़ाई के दौरान भटकाव हो सकता है इसका कारण है इसकी विस्तृत प्रकृति। इसलिए इस विषय की तैयारी में आपको अपने Syllabus को मजबूती से पकड़ कर चलना होगा।
क्योंकि इतिहास में हम अनादि काल से अब तक की क्रमिक रूप से घटित घटनाओं का अध्ययन करते हैं। अर्थात इसके अध्ययन का क्रम होना बहुत आवश्यक है और वह क्रम आपको Syllabus से आसानी से मिल जाएगा।
इसके अलावा आप नीचे Recommended History Books for UPSC IAS को पढ़ते समय भी Previous year papers के अनुसार इतिहास के अधिक महत्वपूर्ण Topics को अधिक समय दें तथा कम महत्वपूर्ण Chapters को कम समय दें। यह आपके तैयारी को एक निश्चित दिशा में बनाये रखने में मददगार होगा।
7. उत्तर लेखन का अभ्यास करें –
इतिहास के अध्ययन के साथ साथ आपको उत्तर लेखन का भी अभ्यास करना चाहिए। किन्तु महत्वपूर्ण बात यह है कि आप पहले दिन से ही Answer writting न करें। कम से कम आप एक-दो बार पूरे Syllabus को अच्छी तरह पढ़ लें संभव हो तो notes भी तैयार करने के बाद उत्तर लेखन का अभ्यास करें।
ऐसे में आपको अपने Strong zone और weak zone का पता चलेगा और आप उस पर आवश्यकतानुसार मेहनत कर पाएंगे।
लेकिन जब आप उत्तर लेखन प्रारंभ कर दें तो नियमित रूप से उसे जारी रखें। क्योंकि निरंतरता व्यक्ति की सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है।
आईये अब UPSC IAS Toppers के द्वारा Recommended books of history को देखते हैं। ये standard books ही इतिहास के सामान्य ज्ञान के लिए पर्याप्त हैं।
किन्तु हम उन विद्यार्थियों के लिए एक लेख अलग लिखेंगे जो इतिहास को अपने वैकल्पिक विषय के रूप में चुने हुए हैं।
history booklist for upsc :
हम सभी जानते हैं कि इतिहास विषय को तीन या चार भागों में बांट सकते हैं। तीन या चार कहने से तात्पर्य यह है कि UPSC IAS Prelims में विश्व इतिहास के Segment से प्रश्न नहीं पूछे जाते हैं वहीं UPSC IAS mains में विश्व इतिहास के प्रश्न परीक्षा में आते हैं।
इतिहास के विभाजन के अनुसार हम कुछ चुनिंदा किताबों की सूची (Booklist of history for UPSC) प्रस्तुत कर रहे हैं। ये निम्नलिखित हैं―
【Note : नीचे बताई किताबों में NCERT की किताबों का उल्लेख नहीं किया गया है।】
[NCERT की कक्षा 6 से 12 तक की सभी किताबों को पढ़ना सामान्य तौर पर आवश्यक है।]
★ Ancient history –
➣ India’s Ancient Past : R. S. Sharma
★ Medieval history –
➣ History of medieval history : Satish chandra
★ Modern history –
➣ History of modern India : Bipin Chandra
➣ A brief history of modern india : Spectrum
➣ India’s struggle for freedom : Bipin chandra
➣ India After Independence : Bipan Chandra
★ Art & Culture –
➣ Indian art & Culture : Nitin Singhania
★ World history –
➣The Story of Civilization, Part 2 : Arjun Dev,
➣ Mastering Modern World History : Norman Lowe
➥ इसके साथ साथ आप तमिलनाडु बोर्ड की कक्षा 11 और 12 की इतिहास की किताबों को पढ़ सकते हैं क्योंकि उन किताबों में भारतीय इतिहास को बहुत ही व्यवस्थित ढंग से व्याख्यायित किया गया है।
☞ ध्यान दें – ऊपर बताई गई ये किताबें English और हिंदी दोनों Version में उपलब्ध हैं आप अपने माध्यम के अनुसार इन्हें खरीदें और पूरी तन्मयता के साथ पढ़ें।
इस प्रकार आप ऊपर बताए गए सुझावों को अपनी तैयारी में अपनाकर अपनी तैयारी को बेहतर कर सकते हैं।
■ यह लेख UPSC IAS के उन Aspirants के लिए बनाया गया है जो इतिहास को वैकल्पिक विषय के रूप में नहीं चुने हुए हैं। यह इतिहास की तैयारी UPSC IAS Prelims और Mains के सामान्य अध्ययन के स्तर पर इतिहास की तैयारी के उद्देश्य से बनाया गया है।
इतिहास वैकल्पिक विषय के छात्रों के लिए हम अलग से चर्चा करेंगे क्योंकि उस स्तर पर इतिहास के क्षेत्र में विद्वता हासिल होनी चाहिए।
■ यह लेख UPSC IAS Toppers और इतिहास के कुछ चुनिंदा Best Teachers के द्वारा दिये गए सुझावों के सारगर्भित स्वरूप को प्रस्तुत करता है। इनमें से आपको जो भी अपनाने योग्य प्रतीत हो आप अवश्य अपनाएं।
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