Harappan civilization in hindi : न केवल कई विदेशी विद्वानों बल्कि कुछ भारतीय विद्वानों और इतिहासकारों के द्वारा इस बात का दावा किया जाता रहा है कि भारत की प्राचीनतम हड़प्पा सभ्यता मेसोपोटामिया सभ्यता के लोगों द्वारा बसाई गयी है। उन्होंने इस संदर्भ में कई तथ्य बताए हैं जिसमें इन दोनों सभ्यताओं की समानताओं के तथ्य प्रमुख रहे हैं।
मेसोपोटामिया की सभ्यता और सिंधु घाटी सभ्यता का कालानुक्रम काफी समय तक समान रहा है। जहां मेसोपोटामिया की सभ्यता लगभग 3200 ई०पू० से 600 ई०पू० तक विद्यमान रही वहीं हड़प्पा सभ्यता का कालानुक्रम विद्वानों द्वारा 2500 ई०पू० से 1500 ई०पू० बताया जाता है। इस प्रकार इस तिथि के अनुसार यह कहा जा सकता है कि मेसोपोटामिया की सभ्यता भारतीय हड़प्पा सभ्यता से थोड़ी अधिक प्राचीन है।
हड़प्पा सभ्यता पर मेसोपोटामिया की सभ्यता का प्रभाव – Harappan civilization in hindi
अनेक भारतीय और यूरोपीय विद्वान जैसे डी० डी० कोशांबी, सर मॉर्टिमर ह्वीलर, लियोनार्ड वूली, गॉडर्न चाइल्ड इत्यादि की धारणा है कि सिंधु सभ्यता का विकास मेसोपोटामियाई प्रभाव के कारण हुआ।
☞ ह्वीलर के अनुसार भारत ने नागरिक सभ्यता मेसोपोटामिया से सीखी।
“India received the idea of city life from Mesopotamia where it was well-established in the third milleniun B. C.” ….. R. E. M. WHEELER
☞ गॉर्डन का भी मानना है कि हड़प्पा के नगरों का उदय मेसोपोटामिया के प्रभाव के कारण हुआ। उनका तो यहाँ तक मानना है कि स्वयं मेसोपोटामिया के निवासी बलूचिस्तान आए और बाद की नागरी सभ्यता की स्थापना की।
“….it is impossible to think that the cities of Harappa grew out of village culture….it is more likely that the village cultures of Baluchistan were influenced by the foreigners who came there through the water-routes from Mesopotamia. They controlled the economic system and imposed their advanced culture on the villages which led to the growth of towns.” …………… -G. H. GORDON
☞ डी० डी० कोशांबी मानते हैं कि मिस्र, मेसोपोटामिया और हड़प्पा संस्कृति के निर्माता एक ही मूल के व्यक्ति थे।
“The sudden completion of cities which had no predecessors, which began from a dead start, points to a stimulus that came from outside…..The authors of the Egyptian, Mesopotamian and Harappan cultures came from same developed locality but developed three distinct civilisations due to local considerations.”. …………..-D. D. KOSAMBI
☞ जो विद्वान हड़प्पा सभ्यता के उद्गम में मेसोपोटामिया (आधुनिक इराक) का महत्त्व स्वीकार करते हैं उनलोगों ने अपने पक्ष में अनेक तर्क प्रस्तुत किए हैं। उनका मानना है कि सभ्यता का विकास सबसे पहले मेसोपोटामिया के सुमेर में हुआ। वहाँ से सभ्यता की भावना मिस्र पहुँची तथा तत्पश्चात भारत आई।
☞ क्रेमर नामक विद्वान का मानना है कि 2400 ई० पू० के आसपास सुमेर से उबेदी भारत आए और यहाँ नागरी सभ्यता की स्थापना की।
☞ ह्वीलर का तर्क है कि मोहनजोदाड़ो के अन्नागार, गढ़ी तथा बुर्ज में लकड़ी के शहतीरों का प्रयोग हुआ था। इनके निर्माता कच्ची ईंटों से भवन निर्माण करते थे। इस प्रकार की भवन-निर्माण प्रक्रिया सुमेर में प्रचलित थी । अतः सिंधु सभ्यता के जनक भी मेसोपोटामियाई ही थे।
☞ गॉर्डन भी सिंधु घाटी के नगरों के भवनों में कच्ची ईंटों के व्यवहार के आधार पर सुमेर और सिंधुघाटी के नगरों में संबंध स्थापित करते हैं।
☞ प्रसिद्ध पुरातत्त्ववेत्ता एच० डी० सांकलिया के अनुसार बलूचिस्तान के कुछ स्थलों से सुमेर के समान जिगुरेट (एक प्रकार के चबूतरे जो नीचे चौड़े और ऊपर सँकरे हैं) के भग्नावशेष पाए गए हैं जो बलूचिस्तान में सुमेरी प्रभाव इंगित करते हैं।
☞ ह्वीलर की भी धारणा है कि सिंधु सभ्यता के कृत्रिम चबूतरे सुमेरी जिगुरेट के ही अवशेष हैं जो राजतंत्र की प्रेरणा से बने थे ।
☛ इन तर्कों के विरोध में भी कई तर्क दिए गए हैं तथा हड़प्पा और सुमेरी सभ्यता के मूलभूत विभेदों की ओर ध्यान आकृष्ट किए गए हैं। उदाहरणस्वरूप,
● सिंधु सभ्यता के नगरों में मुख्यतः पकाई गई ईंटों का व्यवहार हुआ था जबकि सुमेरी नगरों में कच्ची ईंटों का।
● सुमेरी और सिंधु लिपि भी एक-दूसरे से भिन्न है। सुमेरी लिपि कीलनुमा (Cuneiform ) थी तो सिंधु लिपि चित्रात्मक अथवा सांकेतिक (Pictographic or Ideographic) थी। हड़प्पा लिपि में करीब चार सौ चिह्न हैं, जबकि सुमेरी लिपि में नौ सौ ।
● इसी प्रकार सिंधु सभ्यता की नगर-निर्माण योजना एवं जल तथा नालियों की व्यवस्था सुमेर से अधिक उन्नत है।
● सुमेर में मंदिरों एवं पुरोहितों का महत्त्वपूर्ण स्थान था, परंतु सिंधु घाटी की सभ्यता में मंदिरों का अस्तित्व संदेहास्पद है।
● मेसोपोटामिया और मिस्र के समान हड़प्पा संस्कृति में भव्य कब्रगाह भी नहीं पाए गए हैं।
● दोनों सभ्यताओं के मृदभांडों, मृण्मूर्तियों और मुहरों में भी अंतर स्पष्ट है।
इन्हें देखते हुए इस मत को स्वीकार करना कठिन है कि हड़प्पा सभ्यता की स्थापना सुमेरी लोगों ने की अथवा सुमेरी प्रभाव के कारण ही इस सभ्यता का विकास हुआ। दोनों सभ्यताओं में व्यापारिक संबंध थे, इसीलिए सुमेरी सभ्यता की कुछ वस्तुएँ सिंधु घाटी में और सिंधु घाटी की वस्तुएँ मेसोपोटामिया से प्राप्त हुई हैं। इनके आधार पर मेसोपोटामिया को हड़प्पा सभ्यता का जनक नहीं माना जा सकता।