Types of education : शिक्षा एक ऐसी सतत प्रक्रिया है जो व्यक्ति के विशिष्ट उपलब्धि की प्राप्ति में सहायक होती है। यह शिक्षा कई प्रकार से दी जा सकती है। घर-आंगन से प्रारंभ होने वाली शिक्षा विश्वविद्यालयी स्तर तक विभिन्न माध्यमों से होते हुए गुजरती है। शिक्षा मानव जीवन के सभी पहलुओं के विकास तक विस्तृत तथा जन्म से मृत्यु तक व्यापक रूप से गतिशील होता है। शिक्षा के विभिन्न प्रकार कौन कौन से हैं ये नीचे बताया गया है-
शिक्षा के प्रकार : Types of education in hindi
शिक्षा अपनी विविधता के कारण कई प्रकार की होती है। हर एक प्रकार में अपनी कुछ विशिष्टताएँ विद्यमान हैं। संक्षेप में प्रमुख प्रकार निम्नवत् हैं―
- औपचारिक, औपचारिकेत्तर तथा अनौपचारिक शिक्षा (Formal, Informal and Non formal Education ) – औपचारिक शिक्षा में सब कुछ निश्चित विधि विधान के अनुरूप विद्यालय में शिक्षा की प्रक्रिया संचालित होती है। औपचारिकेत्तर शिक्षा बिना किसी विधि-विधान के, परिवार, समाज, समुदाय में विद्यार्थी प्राप्त करते हैं। अनौपचारिक शिक्षा मुख्यतः जनसंचार माध्यमों, मुद्रित सामग्रियों, खुले विद्यालयों, खुले विश्वविद्यालयों के द्वारा संचालित होती है। शिक्षा के इन प्रकारों पर विस्तार से चर्चा आगामी पृष्ठों पर की गयी है।
- व्यक्तिगत एवं सामूहिक शिक्षा (Individual and Collective Education)-
व्यक्तिगत शिक्षा में प्रत्येक बालक की रूचि, आवश्यकता, क्षमता के अनुरूप शिक्षा दी जाती है, जबकि सामूहिक शिक्षा के अतंर्गत झुण्ड के रूप में छात्रों को शिक्षा दी जाती है।
- सामान्य एवं विशिष्ट शिक्षा (General and special Education ) – सामान्य शिक्षा वह होती है जो बालक का साधारण विकास करती है। यह केवल जीवन के लिए तैयार करती है। विशिष्ट शिक्षा वह होती है जो किसी विशिष्ट लक्ष्य को दृष्टि में रखकर दी जाती है। जैसे-इंजीनियरिंग, मेडिकल शिक्षा आदि।
- प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष शिक्षा (Direct and Indirect Education ) – जब व्यक्तिगत रूप से शिक्षक-शिक्षार्थी आमने-सामने बैठकर शिक्षा की प्रक्रिया संचालित करते हैं। तो उसे प्रत्यक्ष शिक्षा कहा जाता है। वही जब शिक्षार्थी शिक्षक के अलावा अन्य साधनों से ज्ञान प्राप्त करता है तो उसे अप्रत्यक्ष शिक्षा कहा जाता है।
- प्रौढ़ शिक्षा और सतत शिक्षा (Adult Education and continuing Education)-
प्रौढ़ शिक्षा उन लोगों के लिए होती है जो वयस्क हैं लेकिन निरक्षर हैं जब कि सतत शिक्षा वह है जो हमेशा चलती रहती है। सभी की आवश्यकताओं की इससे पूर्ति होती है। इसमें प्रौढ़, प्रतिभागी सभी लाभान्वित होते है।