हमारा नया वर्ष कैसा हो ? | अंग्रेजी नववर्ष पर टिप्पणी | Happy New Year

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 अभी कुछ ही घण्टो में साल 2024 के कैलेंडर की सारी तिथियां समाप्त हो जाएंगी या फिर जब आप इसे पढ़ रहे होंगे तब सदी का एक नया साल 2025 आ चुका होगा। 


नया साल मुबारक हो, नव वर्ष मंगलमय हो या HAPPY NEW YEAR के संदेश के साथ साथ पवित्र शुभेक्षाओं के संदेश सभी द्वारा अपने अपने सगे संबंधियों को प्रेषित किया जाने लगेगा और आपके सभी Social media के Inboxes इन सभी Masseges से भर उठेंगे। 

Happy New Year


सभी इसे अपने अपने तरह से, अपनी अपनी पसंद के अनुरूप, अपनी अपनी सभ्यता-संस्कृति व संस्कारों के हिसाब से तथा अपने अपने विचारों के अनुसार मनाएंगे। 


यहां *'मनाएंगे'* शब्द इसलिए उपयुक्त है क्योंकि हम भारतीय  हर नए अवसर को नया स्वरूप देने को आतुर रहते हैं। चाहे वह कोई खगोलीय घटना मकर संक्रांति या सूर्य-चंद्र ग्रहण हो या फिर किसी भगवान देवी-देवताओं की जयंती हो या किसी महापुरुष का जन्मदिवस हो; कुम्भ मेला हो, होली दिवाली जैसे कई त्योहार हों या कोई देश-पर्व स्वतंत्रता या गणतंत्र दिवस हो अथवा केवल एक बार आने वाली कोई घटना हो जैसे कि अयोध्या के राममंदिर का उद्घाटन।

हम सभी अवसरों को "मनाते" हैं। 


इसीबीच एक मुद्दा जो हर नए साल को उभरकर आता है इस वर्ष भी आ जायेगा - हिंदुओं द्वारा बोला जाता है कि मेरा नववर्ष नहीं है मेरा नववर्ष 'चैत्र' मास वाला होता है, और कुछ ऐसा ही मुसलमानों द्वारा भी कहा जायेगा कि हमारा नया साल मुहर्रम महीने का पहला दिन होता है। 


ऐसा बोलकर स्वयं को भीड़ से इतर करने का प्रयास बुद्धिजीवी वर्ग के कुछ लोगों द्वारा हमेशा से होता आया है और सम्भवतः सर्वदा चलता भी रहेगा। 


उपर्युक्त मुद्दे के बिना निष्कर्ष तक पहुँचे मैं ये बताना महत्वपूर्ण समझूँगा की महज़ कैलेंडर के पन्ने पूरे हो जाने और नया वर्ष की नई तिथि आ जाना ही हमारे लिए नव वर्ष नहीं होना चाहिए। 

*"नववर्ष में हमें स्वयं को भी नया करना चाहिए।"*


कुछ, किन्तु अल्प संख्या में, व्यक्ति ऐसा विचार भी बनाएंगे―

कुछ के विचार में कुछ नयी आदतें जैसे सुबह उठना और Yoga, Exercise के माध्यम से स्वास्थ्य और दिनचर्या सुधार होगा तो कुछ व्यक्ति अपनी बुरी आदतों को छोड़ना चाहेंगे। कइयों के नए साल के नए लक्ष्य के रूप में सरकारी नौकरी होगी तो कुछ व्यक्ति सरकारी नौकरी के प्रयास से हार मान कर कुछ नया Startup या Bussiness करने को सोचेंगे। कुछ व्यक्ति अपने लिए साल 2025 को महत्वपूर्ण बनाने के लिए Youtube Channel का सहारा लेंगे तो कुछ अपनी पढ़ाई के लिए नया Time Schedule बनाएंगे। अंग्रेजी भाषा सीखना, नए कौशल अर्जित करना, नई गाड़ी लेना, नया घर बनवाना या खरीदना, विवाह करना आदि आदि विचार बनाये जाएंगे। 


किन्तु महत्वपूर्ण बात यह है कि कुछ चीजों को छोड़कर अधिकांश लक्ष्य या विचार हमारे पिछले वर्ष के भी थे और कहीं आने वाले नववर्ष के भी तो नहीं रहने वाले हैं। 


प्रश्न ये है कि क्या इस वर्ष हमारे द्वारा बनाये गए लक्ष्य या विचार में लायी गयी बातें हमारे व्यवहार अथवा क्रियान्वयन में उतर पा रहे हैं या इस साल भी सिर्फ विचारों तक ही सीमित रहेंगे ?


इसके लिए आपको अपने लक्ष्य की Deadline निर्धारित करनी होगी क्योंकि Goal without a time limit is a Fantasy. 

और अगर हम अपने लक्ष्यों को समयबद्ध कर देते हैं तो वे हमारे लिए वस्तुनिष्ठ हो जाते हैं और पुष्ट हो जाते हैं। इसको हम कह सकते हैं Goal with a timeline is Objective.


लक्ष्य (Goal) को समयबद्ध करने के साथ साथ जरूरी है उसके संदर्भ में Planning और जब हम इतना कर लेते हैं तो हमारे लक्ष्यप्राप्ति वाले लक्षण दिखने लगते हैं। 

और अगर हम इसके साथ ही Consistent Action (निरंतर प्रयास) को भी जोड़ दें तब ये रास्ता हमें सफलता दिलाने के लिए परिपूर्ण हो जाएगा। इसको अगर हम एक Formula में समेटें तो - 

*Goal + Timeline + Planning + Consistent Action = Success.*


हमें निरंतर अपने लक्ष्य अपने उद्देश्य के प्रति उन्मुख रहना है। क्योंकि अगर साल 2024 के और साल 2025 के लक्ष्य और उद्देश्य समान हैं अर्थात 2025 की स्थितियां-परिस्थितियां आपके लिए नई नहीं हैं तो विनम्रतापूर्वक कहना चाहूंगा कि यह 1 January 2025 आपके लिए नया वर्ष नही है महज़ बीतते समय का एक टुकड़ा है। 


आपका नया वर्ष उस दिन नया होगा जब आप नए होंगे, आपकी पहचान नई होगी। 

हम बीतते समय के साथ साथ स्वयं को भी बिताते हुए अपने विचारों को अपने लक्ष्यों को अपने आप को बेहतर बनाने के प्रयासों को नजरअंदाज करना शुरू कर देते हैं क्योंकि या तो हमने कोई असंभव सा लक्ष्य बना लिया है या फिर मनुष्यों के भीतर विद्यमान जड़ता के गुण के कारण हम अपने Comfort zone को नहीं त्याग पाते हैं। 


स्वयं को अगर हर क्षण परिष्कृत और नियंत्रित नहीं करेंगे और स्वयं को समयचक्र के भरोसे छोड़ देंगे तो अधिक संभावना हमारे नकारात्मक दिशा में जाने की है क्योंकि नकारात्मकता का ग्राफ़ ढालुआँ होता है और सकारात्मकता का ग्राफ़ चढावदार और बाधायुक्त होता है। 


Materialistic World में हमें Comfort वही चीजें देती हैं जो अंततः हानिकारक साबित होती हैं। 


इन सभी से ऊपर उठकर हमें यह विचार करना होगा कि हमारी स्वयं के प्रति, परिवार जनों के प्रति, समाज के प्रति, आगामी पीढ़ी के प्रति, प्रकृति के प्रति और सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्र के प्रति भी अनेकों आवश्यक जिम्मेदारियां भी हैं। 

हमारे कुछ नैतिक, मौलिक, संवैधानिक और प्राकृतिक कर्तव्य भी हैं। हमें इन पर भी ध्यान देना होता है। साथ ही साथ यह भी ध्यान रहे कि इन सबके बीच हमारी व्यक्तिगत रुचि, व्यक्तिगत खुशी और आनंद पीछे न छूट जाएं किन्तु उसी वक़्त यह भी खयाल रहे कि जो कुछ भी हमारी समय प्रदत्त आवश्यकताएँ हैं वह पूरी होती रहें। 

और एक चीज जोकि इन सभी के साथ साथ आती रहती है वह है हमारी इच्छा, आकांक्षा के विपरीत हमसे कार्य करवाने वाली अनिवार्यता या विवशता। 

कुल मिलाकर सारांशतः ऊपर की कुछ 8-10 पंक्तियों को एक पंक्ति में समेटें तो- लक्ष्य, कर्तव्य, जिम्मेदारी, रूचि, आवश्यकता और विवशता के बीच संतुलन आवश्यक है। 


इन सभी बातों को लिखते हुए बताते हुए मुझे मेरी अल्पज्ञता का भरपूर अनुभव हो रहा है किन्तु अगर आप ये नहीं सोंच पा रहे हैं कि हम अपने व्यवहार में, विचार में क्या और कैसे परिवर्तन लायें तो कुछ हद तक मैं सुझाव दे सकता हूँ किन्तु यह व्यक्ति-दर-व्यक्ति बदल सकता है और बदलना भी चाहिए- 


●  प्रतिदिन स्वयं को जानने समझने का प्रयास करें। 

●  प्रतिदिन के कार्यों का स्वमूल्यांकन करें।

●  बड़े लक्ष्य को टुकड़ों में बांटें ।

    – लक्ष्य विशिष्ट (Specific) , हासिल करने योग्य और प्रासंगिक बनाएं और सबसे महत्वपूर्ण कि वह Time bound हो।

    – लक्ष्यप्राप्ति के बीच आने वाले Distractions को नजरअंदाज न करें।

    – लक्ष्य के लिए Action और Negativity दोनों Fronts पर कार्य करें।

●  स्वयं को माध्यम-मार्गी बनाएं। 

●  जीवन के आगामी कार्यों को समय और Priority (प्राथमिकता) के अनुरूप रखें।

 ● नयी नयी skills अर्जित करें।

●  शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर कार्य करें

●  Unrest में Rest / peace के लिए समय निकालें।

●  अपने दार्शनिक और वैचारिक पहलुओं पर कार्य करें और उसे अधिक पुष्ट और परिष्कृत करें।

●  अपने चिरस्थायी ढर्रे से ऊपर उठने का प्रयास करें। 

●  प्रकृति के प्रति जागरूक बनें और दूसरों को भी करें।

●  सकारात्मक दिशा में परिश्रम बढ़ाएं।

 ● अपनी प्रतिभा को चहुंमुखी विस्तार दें।

●  मन पर आत्मनियंत्रण रखें।

●  सकारात्मक बदलाव की शपथ लें।


ऊपर की तमाम अनुकूल प्रतिकूल बातों को पढ़कर अगर आपके मनोभावों में परिवर्तन हुआ हो तो यह नए साल का अवसर आपके लिए और आपके भविष्य के परिवर्तन का एक कारक बन सकता है बशर्ते जो भी हुआ या जो नहीं हो पाया उसे भुलाकर पुनः एक नया उद्देश्य बनाएं, उससे संबंधित विचार और कार्य करें। और तब अगर आप यह अनुमान करते हैं कि आप इस वर्ष 2025 में इनमें से कुछ ही सही किन्तु अवश्य हासिल कर पाएंगे तो भी यह नववर्ष आपके लिए है आपका है। 

फिर से एक नए उत्साह के साथ इस नए वर्ष के दरम्यान स्वयं को नया करने का संकल्प लें और उसे पूरा करें। 


*नववर्ष 2025 मंगलमय हो 🙏🏻*

                              *आकाश प्रजापति* ✍️

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