मुग़ल शब्द का अर्थ : Meaning of the word mughal
‘मुगल’ फारसी भाषा का शब्द है जिसका उच्चारण ईरान में ‘मुगुल और भारत में ‘मुगल’ है।
यह शब्द ‘मंगोल से उत्पन्न हुआ है इस प्रकार इसका (Mughal shabd ka arth) एक जातिगत अर्थ है। यह व्यापक रूप में मध्य एशियाई क्षेत्रों के मंगोल भाषा भाषी व बोलियां बोलने वालों के लिए प्रयुक्त होता था अन्य मध्य एशियाई समूह यथा बुर्की, उजबेग, युगुर, किरगिज, कजाक, चिपक, केरात एवं नमान आदि स्वयं को जातिय व भाषाई आधार पर इनको अलग मानते थे, वे मुगलों को, चंगेज को छोड़कर, बर्बर मानते थे।
स्वयं बाबर मंगोलों का आत्मकथा तुजुक ए बाबरी में बर्बर गिरोह के रूप में उपहास करता है- “मुग़ल खानाबदोश झुंड से सदैव उपद्रव एवं विनाश की आशा की जाती है।” भारतीय मुगलिया शासकों ने स्वयं के लिए यह नाम नहीं चुना था। भारत का मुगुल वंश स्वयं को गर्व में चंगेज और तैमूर का वंशज मानता था। प्रारम्भ में वे चंगेज पर अपेक्षाकृत अधिक बल देते थे और बाद में तैमूर पर बाबर के गृह प्रदेश उज्बेकिस्तान में यह वंश अपनी पहचान चगताई के वशंज के रूप में बताता था।
चगता चंगेज का बेटा था, जो उनके अनुसार सर्वश्रेष्ठ मुगुल था। भारत में इस वंश के इतिहास ‘तजकिरात अल सलातीन ए चगता ‘(18 वाँ सदी ई के प्रारम्भ में,) ‘तारीख ए खानदान ए तैमूरिया’ (16 वीं सदी ई) जैसे शीर्षकों से लिखा गया।
मुग़ल शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग : कब व किसने
मुग़ल शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1538 ई. में एक सूफी सन्त अब्दुल कुदुस गंगोही की बातचीत के एक पाठ में, जिसे उनके पुत्र व आध्यात्मिक उत्तराधिकारी रूक्न अल दोन ने ‘लतायफ ए कडुसी’ के रूप में संकलित किया, में मिलता है। लेकिन यहाँ इस शब्द का प्रयोग चाचर व उनके सैनिकों के लिए किया गया है। हिसार (हरियाणा) स्थित एक भवन 1537-38 ई. का एक अभिलेख हैं जिसमें ‘गुजरात से शहीद हुए सैनिक’ को ‘मुगल’ के रूप में अभिहित किया गया है जिसने इस भवन का निर्माण किया।
बाबर व उत्तराधिकारियों के लिए मुग़ल शब्द का प्रयोग :
बाबर व उसके उत्तराधिकारियों के लिए ‘मुगल’ शब्द वस्तुतः 16 वीं शताब्दी के यूरोपियों की देन है। यहाँ तक कि रुडयार्ड किपलिंग की जंगल बुक के युवानायक ‘मोगली’ का नाम भी इससे उत्पन्न हुआ। 18वीं शताब्दी के इतिहासकार खाफी खान अपनी पुस्तक मुन्तखाब अल लुबाबने ‘मुगल ‘शब्द को सही परिपेक्ष्य में प्रस्तुत किया-‘यद्यपि मुगल शब्द का प्रयोग जन्नत में रहने वाले शहशाह अकबर के शासन काल से ही अजम (गैर-अरब प्रदेशों) के ताजिकों और तुर्की और यहाँ तक कि ईरान और तुरान के सैय्यदों के लिए किया जाने लगा था लेकिन वास्तव में यह शब्द केवल तुर्कों की उस जनजाति के लिए वैध है जो चंगेज खान, हलाकू, चगता और अमीर तैमूर के माध्यम से मुग़ल खान के वंशज हैं।’
मुग़ल शब्द के प्रयोग के विदेशी विवरण : मुग़ल शब्द का प्रयोग
-प्रारम्भिक अंग्रेज यात्री राल्फ फिच ने ‘ग्रेट मोगोर का उल्लेख किया है जो कि आगरा व दिल्ली के राजा थे। एडवर्ड टेरी के अनुसार ‘मोगोल’ से उनका अभिप्राय है-‘खतना किया हुआ पुरूष” और इसलिए ‘ग्रेट मागोल’ से उनका अभिप्राय है- “खतना किए हुए पुरुषों का सरदार” जेम्स प्रथम (और इंग्लैण्ड) के भारत में प्रथम राजदूत टॉमस रो ने जहाँगीर का ‘द मोगल’ ‘या ‘द ग्रेट मोगल ‘के रूप में उल्लेख किया है।
जब रूस का जार पीटर प्रथम औरंगजेब के दरबार में दूत भेजने की तैयारी कर रहा था तो उसने अस्ताखान स्थित भारतीय व्यापारियों से यह पता लगवाया कि भारत के सम्राट के लिए उपयुक्त सम्बोधन क्या है। भारतीय व्यापारियों के मुखिया ने उसे बताया कि भारत के सम्राट अपने लिए ‘मुग़ल ‘शब्द नापसन्द करते हैं इसके स्थान पर उसने शहंशाह शब्द लिखने का सुझाव दिया।
निष्कर्ष :
इस प्रकार हम देखते हैं कि मुग़ल शब्द एक जातिगत भाव को लिए हुए है जिसे मुगल वंश के प्रारंभ से ही प्रयोग में नहीं लाया जाता था वरन यह काफी बाद में इसे बाबर व इसके उत्तराधिकारियों के लिए प्रयोग में लाया जाने लगा। हम देखते हैं कि मुगल शब्द के प्रयोग से स्वयं बाबर भी परहेज करता था और उसका उपहास करता था किंतु कालांतर में इसे उन्ही के परिपेक्ष्य में प्रयोग किया जाने लगा।