upsc political science optional syllabus pdf download in hindi : UPSC, जिसे हिंदी के विस्तृत रूप में संघ लोक सेवा आयोग के नाम से जाना जाता है, भारत की कई उच्च स्तरीय परीक्षाएं कराने का जिम्मा संभाले हुए है। इन्ही परीक्षाओं में से एक है IAS (Indian administrative services) की परीक्षा। आईएएस बनने के लिए किसी भी अभ्यर्थी को परीक्षा के तीन चरणों से गुजरना पड़ता है- प्रारम्भिक परीक्षा (UPSC Prelims), मुख्य परीक्षा (UPSC Mains) तथा साक्षात्कार (Interview).
UPSC Optional Political science syllabus in hindi :
UPSC Mains के अंतर्गत कई papers होते हैं जिनमे से एक वैकल्पिक विषय अथवा Optional subject का paper भी होता है जिसमें अभ्यर्थी अपनी रुचि, पसंद व योग्यता के अनुसार विषय का चुनाव कर सकता है। बताते चलें कि सभी Optional subjects के 2-2 पेपर होते हैं जोकि 250-250 अंकों के होते हैं।
वैकल्पिक विषयों की लंबी श्रृंखला में ‘राजनीति विज्ञान व अंतरराष्ट्रीय संबंध’ भी एक स्थान बनाये हुए है। बहुत से UPSC Candidates अपने पसंदीदा विषय के रूप में Political science and international relations को UPSC Optional subject के रूप में चुनते हैं। ऐसे में UPSC political science optional syllabus pdf download in hindi जानना अवश्यम्भावी हो जाता है।
परीक्षा (Exam) : UPSC IAS Optional
विषय (Subject) : Political science and International relations
Papers – 2 पेपर
कुल अंक – 250+250 = 500
आईये जानें―
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UPSC IAS Optional subject Political science and international relations syllabus in hindi :
वैकल्पिक विषय (Optional subject) – राजनीति विज्ञान एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध (Political science and international relations)
प्रश्न पत्र – 1 : राजनैतिक सिद्धांत एवं भारतीय राजनीति
राजनैतिक सिद्धांत: अर्थ एवं उपागम
राज्य के सिद्धांत: उदारवादी, नवउदारवादी, मार्क्सवादी, बहुवादी, पश्च-उपनिवेशी एवं नारी-अधिकारवादी।
न्याय: रॉल के न्याय के सिद्धांत के विशेष संदर्भ में न्याय के संप्रत्यय एवं इसके समुदायवादी समालोचक
समानता: सामाजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक समानता एवं स्वतंत्रता के बीच संबंध, सकारात्मक कार्य।
अधिकारः अर्थ एवं सिद्धांत, विभिन्न प्रकार के अधिकार मानवाधिकार की संकल्पना।
लोकतंत्र: क्लासिकी एवं समकालीन सिद्धांत, लोकतंत्र लोकतंत्र के विभिन्न मॉडल-प्रतिनिधिक, सहभागी एवं विमर्शी।
शक्ति, प्राधान्य विचारधारा एवं वैधता की संकल्पना।
राजनैतिक विचारधाराएँ: उदारवाद, समाजवाद, मार्क्सवाद, फासीवाद, गांधीवाद एवं नारी अधिकारवाद।
भारतीय राजनैतिक चिंतन: धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र एवं बौद्ध परंपराएँ, सर सैयद अहमद खान, श्री अरविंद, एम.के. गांधी, बी.आर. अम्बेडकर, एम. एन. रॉय।
पाश्चात्य राजनैतिक चिंतन: प्लेटो, अरस्तु, मैकियावेली, हॉब्स, लॉक, जॉन एस मिल, मार्क्स, ग्राम्स्की, हान्ना आरेन्ट
भारतीय शासन एवं राजनीति
भारतीय राष्ट्रवाद:
(क) भारत के स्वाधीनता संग्राम की राजनैतिक कार्यनीतियां संविधानवाद से जन सत्याग्रह असहयोग, सविनय अवज्ञा एवं भारत छोड़ो, उग्रवादी एवं क्रांतिकारी आंदोलन, किसान एवं कामगार आंदोलन।
(ख) भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के परिप्रेक्ष्य उदारवादी समाजवादी एवं मार्क्सवादी, उग्रमानवतावादी एवं दलित।
भारत के संविधान का निर्माण: ब्रिटिश शासन का रिक्थ, विभिन्न सामाजिक एवं राजनैतिक परिप्रेक्ष्य।
भारत के संविधान की प्रमुख विशेषताएं: प्रस्तावना मौलिक अधिकार तथा कर्त्तव्य, नीति निर्देशक सिद्धांत, संसदीय प्रणाली एवं संशोधन प्रक्रिया, न्यायिक पुनर्विलो एवं मूल संरचना सिद्धांत।
(क) संघ सरकार के प्रधान अंग कार्यपालिका, विधायिका एवं सर्वोच्च न्यायालय की विचारित भूमिका एवं वास्तविक कार्यप्रणाली।
(ख) राज्य सरकार के प्रधान अंग कार्यपालिका, विधायिका एवं उच्च न्यायालयों की विचारित भूमिका एवं वास्तविक कार्यप्रणाली।
आधारिक लोकतंत्रः पंचायती राज एवं नगर शासन 73वें एवं 74वें संशोधनों का महत्व, आधारिक आंदोलन।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, वित्त आयोग, संघ लोक सेवा आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जातियां आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातियां आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग।
संघ राज्य पद्धति: सांविधानिक उपबंध केंद्र राज्य संबंधों का बदलता स्वरूप, एकीकरणवादी प्रवृत्तियां एवं क्षेत्रीय आकांक्षाएं, अंतर-राज्य विवाद।
योजना एवं आर्थिक विकास: नेहरूवादी एवं गांधीवादी परिप्रेक्ष्य योजना की भूमिका एवं निजी क्षेत्र, हरित क्रांति, भूमि सुधार एवं कृषि संबंध, उदारीकरण एवं आर्थिक सुधार।
भारतीय राजनीति में जाति, धर्म एवं नृजातीयता।
दल प्रणाली: राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजनैतिक दल, दलों के वैचारिक एवं सामाजिक आधार, बहुदलीय राजनीति के स्वरूप, दबाव समूह, निर्वाचक आचरण की प्रवृत्तियां विधायकों के बदलते सामाजिक-आर्थिक स्वरूप।
सामाजिक आंदोलन: नागरिक स्वतंत्रताएँ एवं मानवाधिकार आंदोलन, महिला आंदोलन पर्यावरण आंदोलन।
प्रश्न पत्र 2 : तुलनात्मक राजनीति तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध
तुलनात्मक राजनैतिक विश्लेषण एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीति:
तुलनात्मक राजनीति: स्वरूप एवं प्रमुख उपागम, राजनैतिक अर्थव्यवस्था एवं राजनैतिक समाजशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य; तुलनात्मक प्रक्रिया की सीमाएँ।
तुलनात्मक परिप्रेक्ष्य में राज्य: पूंजीवादी एवं समाजवादी अर्थव्यवस्थाओं में राज्य के बदलते स्वरूप एवं उनकी विशेषताएं तथा उन्नत औद्योगिक एवं विकासशील समाज।
राजनैतिक प्रतिनिधान एवं सहभागिता उन्नत औद्योगिक एवं विकासशील समाजों में राजनैतिक दल, दबाव समूह एवं सामाजिक आंदोलन।
भूमंडलीकरण: विकसित एवं विकासशील समाजों से प्राप्त अनुक्रियाएं।
अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के अध्ययन के उपागम: आदर्शवादी, यथार्थवादी, मार्क्सवादी, प्रकार्यवादी एवं प्रणाली सिद्धांत।
अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में आधारभूत संकल्पनाएँ: राष्ट्रीय हित, सुरक्षा एवं शक्ति, शक्ति संतुलन एवं प्रतिरोध पर राष्ट्रीय कर्ता एवं सामूहिक सुरक्षा विश्व पूंजीवादी अर्थव्यवस्था एवं भूमंडलीकरण।
बदलती अंतर्राष्ट्रीय राजनीति व्यवस्था: महाशक्तियों का उदय, कार्यनीतिक एवं वैचारिक द्विधुरियता, शस्त्रीकरण की होड़ एवं शीत युद्ध, नाभिकीय खतरा।
अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था का उद्भव: ब्रेटनवुड से विश्व व्यापार संगठन तक, समाजवादी अर्थव्यवस्थाएँ तथा पारस्परिक आर्थिक सहायता परिषद (CMEA); नव अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था की तृतीय विश्व की मांग; विश्व अर्थव्यवस्था का भूमंडलीकरण।
संयुक्त राष्ट्र: विचारित भूमिका एवं वास्तविक लेखा-जोखा; विशेषीकृत संयुक्त राष्ट्र अभिकरण लक्ष्य एवं कार्यकरण, संयुक्त राष्ट्र सुधारों की आवश्यकता।
विश्व राजनीति का क्षेत्रीकरण: EU, ASEAN, APEC, SAARC NAFTA
समकालीन वैश्विक सरोकार: लोकतंत्र मानवाधिकार, पर्यावरण, लिंग न्याय, आतंकवाद, नाभिकीय प्रसार।
भारत तथा विश्व
भारत की विदेश नीति: विदेश नीति के निर्धारक, नीति निर्माण की संस्थाएं निरंतरता एवं परिवर्तन
गुट निरपेक्षता आंदोलन को भारत का योगदानः विभिन्न चरण, वर्तमान भूमिका
भारत और दक्षिण एशिया:
(क) क्षेत्रीय सहयोग: SAARC पिछले निष्पादन एवं भावी प्रत्याशाएं
(ख) दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र के रूप में
(ग) भारत की पूर्व अभिमुखन नीति
(घ) क्षेत्रीय सहयोग की बाधाएँ: नदी जल विवाद, अवैध सीमा पार उत्प्रवासन, नृजातीय द्वंद एवं उपप्लव, सीमा विवाद
भारत एवं वैश्विक दक्षिण: अफ्रीका एवं लातीनी अमेरिका के साथ संबंध NIEO एवं WTO वार्ताओं के लिये आवश्यक नेतृत्व की भूमिका
भारत एवं वैश्विक शक्ति केंद्र: संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप संघ (EU), जापान, चीन और रूस।
भारत एवं संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: संयुक्त राष्ट्र शांति अनुरक्षण में भूमिका, सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग।
भारत एवं नाभिकीय प्रश्न: बदलते प्रत्यक्षण एवं नीति।
भारतीय विदेश नीति में हाल के विकास: अफगानिस्तान में हाल के संकट पर भारत की स्थिति, इराक एवं पश्चिम एशिया US एवं इजराइल के साथ बढ़ते संबंध, नई विश्व व्यवस्था की दृष्टि।
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